Neend Na Aane Ka Karan इस कारण को कहते है, “इनसोम्निया” जो आज के समय की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। इसे हिंदी में अनिद्रा भी कहा जाता है। कई लोगों को नींद आने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। सोना एक इंसान के लिए बहुत जरूरी है ताकि उसके शरीर को आराम मिल सके।
नींद ना आने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। नींद न आने के कारण और समाधानों को जानना बहुत महत्व है। अंत तक पढ़ने पर आप नींद न आने का कारण, लक्षण और समाधान के बारे में सब कुछ अच्छे से जान पाएंगे।
नींद न आना (अनिद्रा) क्या होता है?
आज कल बहुत से ऐसे लोग है, जिनको रात मे अच्छे से नींद नहीं आती है । इसके कई कारण हो सकते है, यह एक बीमारी होती है जीसे इनसोम्नियाक यानि हिन्दी मे अनिद्रा बोला जाता है। इनसोम्निया या अनिद्रा में इंसान अच्छे से सो नहीं पाता है। रात में बार बार जागना या नींद पूरी न होना इस बीमारी में आम बात है।
यह समस्या लोगों को अलग अलग तरह से परेशान करती है। किसी को कभी कभी अनिद्रा के लक्षण दिखते है तो किसी को लंबे समय तक परेशानी होती है। नींद न आने के कई कारण होते है जिनके बारे में आप आगे जानेंगे।
नींद न आने का लक्षण
नींद न आने के कई लक्षण हो सकते है, जैसे:
- नींद ना आने की वजह लोगो को नंबे समय तक सोने में दिक्कत होती है। यह सोने का संघर्ष थोड़ी देर बाद बेचैनी बन जाता है।
- एक बार सो जाने के बाद भी रात में बार बार नींद का टूटना भी एक लक्षण है।
- इसी तरह नींद का समय से पहले टूटना और इंसान के जल्दी उठ जाना यह भी एक अनिद्रा का लक्षण है।
- कई बार सोने के बाद भी इंसान थका हुआ रहता है और शरीर में ताजगी महसूस नहीं कर पाता, जिसके कारण शरीर को आराम नहीं मिलता।
- पूरा दिन थकान और चिड़चिड़ापन आम बात बन जाती है। और अनिद्रा से परेशान लोग चीजों को अच्छे से याद नहीं रख पाते।
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नींद न आने का प्रकार
नींद न आने यानि अनिद्रा के कई प्रकार है जैसे:
- तीव्र अनिद्रा: सबसे पहले आती है “तीव्र अनिद्रा” जिसे अंग्रेज़ी में एक्यूट इनसोम्निया कहते है। इस प्रकार की अनिद्रा में इंसान कई रातों या हफ्तों तक नींद न आने से परेशान रहतभक। तीव्र अनिद्रा में नींद स्थाई नहीं रहती और आती जाती रहती है। विज्ञान ऐसा मानता है कि तीव्र अनिद्रा ज्यादा देर यात्रा करने या मानसिक तनाव के वजह से होती है।
- क्रोनिक अनिद्रा: अगर किसी को पूरे महीने तक नींद आने में दिक्कत रहती है तो उसे क्रोनिक अनिद्रा कहा जाता है। क्रोनिक अनिद्रा में इंसान हफ्ते में तीन रातों या उससे भी ज्यादा तक आरामदायक नींद नहीं ले पाता। इसके वजह से शरीर की सेहत समय के साथ साथ बिगड़ती जाती है। क्रोनिक अनिद्रा की वजह से लोगों को बहुत सी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। यह आपकी मांसपेशियों में भी दर्द उत्पन्न कर सकती है।
- शुरुआती अनिद्रा: जब इंसान को सोने से पहले नींद न आए तो उसे शुरुआती अनिद्रा कहते है। सोने से पहले लोग कई बार बेचैनी महसूस कर पाते है और नींद नहीं आती।
- रखरखाव अनिद्रा: यह अनिद्रा का सबसे आखिरी प्रकार है। रखरखाव अनिद्रा में कई तरीके के लक्षण होते है। बिना किसी रुकावट के सोते रहने में दिक्कत होती है और इंसान बार बार जागता रहता है। और जागने के बाद दुबार सोने में फिर से दिक्कतों का सामना करना होता है।
नींद न आने का कारण (Neend Na Aane Ka Karan)
- मानसिक तनाव और चिंता के वजह से कई लोगों को अनिद्रा से गुजरना पड़ता है। अपने काम, पढ़ाई, या घर की दिक्कतों के तनाव से इंसान की मानसिक सेहत खराब हो जाती है। कई तरीके की मानसिक बीमारिया जैसे कि डिप्रेशन नींद पे गलत प्रभाव करती है। इसी वजह से मानसिक तनाव को अनिद्रा के प्रमुख कारणों में गिना जाता है।
- शरीर के सेहत से भी अनिद्रा को उत्पादन होता है। जो लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते और गलत पदार्थों का सेवन करते है उन्हें नींद आने में समय लगता है। गलत पदार्थों का सेवन जैसे कि तंबाकू या धूम्रपान से आप भी अनिद्रा के शिकार बन जाएंगे। ज्यादा ताकत वाली दवाई भी यही प्रभाव करती है।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि रात में समय से खाने का सेवन होना चाहिए। देर रात में खाना आपके पाचन प्रक्रिया को बिगाड़ देता है। जब आप सो रहे होंगे या नींद के इंतेज़ार म होंगे, आपका पाचन काम कर रहा होगा। इससे अनिद्रा को बढ़ावा मिलता है।
- अपने सोने या जागने के समय को अनियमित रखने वालो में अनिद्रा एक आम बात है। विज्ञान के हिसाब से इंसान का शरीर रात में आराम करने के लिए बना है। नींद के समय की खराब आदतें कभी कभी क्रोनिक अनिद्रा को भी जनम देती है।
- सोने से पहले टीवी, कंप्यूटर, या मुंबई का उपयोग अनिद्रा का एक मुख्य कारण है। इनकी स्क्रीन से निकलती रोशनी आपकी दिमाग को यह संदेश देती है कि सुबह हो रही है और यह सोने का समय नहीं। इसी वजह से आपको अनिद्रा का सामना करना पड़ेगा।
- जब आप सोने की कोशिश करते है तो आस पास शोर या तेज रोशनी भी अनिद्रा का कारण बनती है। इसमें आपके बिस्तर का आरामदायक होना भी बहुत जरूरी है।
नींद न आने का समाधान और घरेलू उपचार
- आपको एक पहले से निर्धारित समय पर सोना एवं उठना चाहिए। इससे आपके शरीर को आराम के समय की आदत हो जाएगी और अनिद्रा का इलाज हो जाएगा।
- सोने से पहले अपने कमरे में आती रोशनी को रोक कर अंधेरा कर ले। इसके साथ साथ कमरे में शांति होनी चाहिए और आपका बिस्तर आरामदायक होना चाहिए।
- कम से कम सोने के 1 या 2 घंटे पहले तक कोई मोबाइल, कंप्यूटर, या टीवी न चलाए। इससे आपकी आंखों पे जोर नहीं पड़ेगा और सोते वक्त अनिद्रा है हद तक महसूस नहीं होगी।
- रात को हल्का और पोषण से भरपूर भोजन करे। भारी खाना या देर रात को भोजन न करने में ही भलाई है। आपका शरीर नियंत्रण के साथ पाचन पर काम कर पाएगा।
- अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में एक्टिव रखना जरूरी है। इसके लिए आप दिन में सुबह या श्याम को पैदल घूमने निकल सकते है। शरीर का थकना और स्थाई न रहना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे होने वाली थकान आपकी अनिद्रा को भगा देगी।
- दिन में सोने से आपके शरीर को रात में आराम करने में दिक्कत आएगी। इसी वजह से अपनी नींद को रात के समय में ही पूरा करे।
- ज्यादा चिंता और तनाव से भरी जिंदगी ना जीने से भी आप अनिद्रा का इलाज कर सकते है। मानसिक सेहत को बैलेंस में रखने से आरामदायक नींद निश्चित है।
- गलत पदार्थों जैसे तंबाकू या शराब के सेवन से दूर रहे। और कैफ़ीन से भरी काफी के सेवन पे भी नियंत्रण रखे।
निष्कर्ष
नींद न आना आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। इस से बचने के लिए लोगों को अपने जीवनशैली में सुधार लाना चाहिए। बेहतर नींद की वजह से आपको और भी ताकतवर महसूस होगा। अच्छे से नींद न आने के कारण आपको कई तरह की समस्या हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि लोग नींद न आने के कारणों को समझे और समाधानों पर ध्यान दे।
अधिकतर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण सवाल
मुझे एक रात में कितनी देर सोना चाहिए?
अपनी नींद पूरी करने और शरीर को पूरा आराम देने के लिए रात में 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी है।
क्या दिन में सोने या झपकी लेने से कोई लाभ मिलता है?
आपके शरीर को इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा बल्कि रात में सोने से दिक्कत आएगी। अपनी नींद को रात में पूरा करे।
मानसिक तनाव से होने वाली अनिद्रा से कैसे बचे?
अपनी जीवनशैली को नियमित रख कर आप मानसिक तनाव और अनिद्रा से बच सकते है।
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